Haryana News : हरियाणा सरकार ने पहली बार हाई कोर्ट के आदेश पर 75 प्रतिशत दिव्यांग व्यक्ति को अधीक्षण अभियंता (सिविल) के रूप में पदोन्नत किया है। इसके साथ उसे सीएम विंडो सार्वजनिक शिकायत पोर्टल पर अनुसूचित जाति और दिव्यांग व्यक्तियों के आरक्षण मामलों के लिए नोडल अधिकारी का काम सौंपा गया।
आपको बता दें कि दिल की बीमारी के कारण शारीरिक रूप से 75 प्रतिशत दिव्यांग कुलबीर सिंह जाखड़, जो लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़क) हरियाणा में कार्यकारी अभियंता थे। अपने पद के कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर सके, विभाग ने उसकी बिना वेतन के असाधारण छुट्टी स्वीकृत की थी।
जाखड़ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर वेतन व सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर के पद पर प्रमोशन को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने 16 फरवरी 2021 को याचिका का निपटारा करते हुए प्रमोशन व 2015 से पूरी अवधि के लिए छह प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज के साथ वेतन देने का आदेश दिया था।
उपरोक्त मामले के लंबित रहने के दौरान हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था कि वह उस अवधि के लिए कार्यकारी अभियंता (सिविल) का एक अतिरिक्त पद सृजित करने पर विचार कर रही है। याचिकाकर्ता को समायोजित करने के लिए अक्टूबर 2018 से सुपरिटेंडिंग इंजीनियर सिविल के पद पर नियुक्ति दी जाएगी।
हालांकि, हरियाणा सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया, जिसके कारण याचिकाकर्ता को दोबारा हाई कोर्ट की शरण में आना पड़ा। हाई कोर्ट द्वारा इस मामले में जवाब तलब करने पर अब हाई कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने सरकार ने आज दिनांक 24 जनवरी 2024 को एक आदेश जारी किया, जिसमें याचिकाकर्ता को अनुसूचित जाति के आरक्षण मामलों के लिए सीएम विंडो सार्वजनिक शिकायत पोर्टल के नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त करके सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (सिविल) के रूप में पदोन्नत किया गया।