सरकारों में जनता को आकर्षित करने के लिए योजनाएं बार-बार घोषित होती रहती हैं। हाल ही में, हरियाणा की आकर्षक सरकार ने एक नई सरकारी योजना की घोषणा की है, जिसके अंतर्गत वाहन पंजीकरण के लिए परिवार आईडी को जोड़ना अनिवार्य हो गया है। इसका मुख्य उद्देश्य स्पष्ट है: सरकार वह लोगों की आय का परिवेशन करना चाहती है, जो अपनी फैमिली आईडी में अपनी आय को कम दर्शाकर अपने आप को सरकारी योजनाओं का पात्र बताते हैं। इस घोषणा से वे लोग चौंके हैं, जो अधिक आय के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। फैमिली आईडी को लिंक करने से सरकार ऐसे लोगों की उन योजनाओं को रद्द कर सकेगी, जिनका लाभ वे कम आय बताकर प्राप्त कर रहे हैं।
सरकार की इस नई घोषणा से कुछ लोग समझते हैं कि सरकार इसके माध्यम से वहाँ के लोगों की पहचान करना चाहती है, जो सरकारी योजनाओं के योग्य हैं, और इसके परिणामस्वरूप, अधिक आय वालों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर सकती है। दूसरी ओर, दूसरे लोग सोचते हैं कि सरकार का इस नियम का उद्देश्य महंगाई को कम करना है। यह नया नियम सरकार को व्यक्तिगत आय की जानकारी के साथ साथ मुद्रास्फीति और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर भी नजर रखने में मदद कर सकता है, और यह वाहन पंजीकरण नियमों का भी संशोधन कर सकता है। इसका दावा किया जा रहा है कि यह नया नियम बहुत ही सरल और सुगम है।
इस प्रकार, अब आपको वाहन पंजीकरण के लिए अपनी परिवार की पहचान करनी होगी, जिसकी सत्यापन के लिए सुविधाएँ मौजूद होंगी। यह सरकार को यह जानने में मदद कर सकता है कि आपको वाहन खरीदने के लिए कितनी आवश्यक आय है। इसके बाद, सरकार आपकी परिवार की पहचान में यह जांच सकती है कि आपने कैसे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया है और आपकी आय को दरुस्त रूप से प्रकट करने की मदद कर सकता है, जिसके बाद सरकार योजनाओं को लागू करने के लिए किस प्रकार के अधिकार होते हैं, उन्हें स्पष्ट कर सकती है।
प्रभाव: इस नए नियम से सरकार को दो तरह के फायदे हो सकते हैं। पहला, यह सरकार को लोगों की आय का स्पष्ट और मजबूत प्रमाण प्राप्त करने में मदद कर सकता है। दूसरा, यह सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को उनके अधिकारों के मुताबिक योजनाओं का लाभ पाने में मदद कर सकता है। वे लोग जो सरकारी योजनाओं का गलत तरीके से उपयोग करते हैं, उन्हें अब अपनी परिवार की पहचान में सही आय दर्शाने की आवश्यकता होगी।