हरियाणा सहकारिता विभाग में हुए 100 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद सरकार ने एकीकृत सहकारी विकास परियोजना (आईसीडीपी) को बंद कर दिया है। इस मामले में अब मुख्यालय स्तर के अधिकारियों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने गिरफ्तार अधिकारियों और ठेकेदार से रिमांड के दौरान अहम सबूत जुटाए हैं। गुरुग्राम, अंबाला और करनाल एसीबी की टीमें दस्तावेजों को भी खंगाल रही हैं। अब तक की जांच में सामने आया है कि मुख्यालय स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से ही घोटाले को अंजाम दिया गया।
घोटाले की मुख्य बातें:
- 100 करोड़ रुपये का गबन
- आईसीडीपी योजना बंद
- नोडल अधिकारी नरेश गोयल समेत अन्य पर मुकदमा दर्ज
- एसीबी ने 10 अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया
- अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच वाट्सअप चैट में घोटाले का खुलासा
- फर्जी स्वयं सहायता समूह बनाकर और फर्जी किसानों के नाम पर ऋण दिया गया
- ठेकेदार स्टालियनजीत की अहम भूमिका
- राजनीतिक संरक्षण का आरोप
- डीसी करनाल ने मार्च में कार्रवाई की सिफारिश की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई
- चार अधिकारी जेल भेजे गए, एक का रिमांड बढ़ा
- रिश्वत के रूप में मिला सामान जब्त
सरकार की कार्रवाई:
- आईसीडीपी योजना बंद
- नोडल अधिकारी नरेश गोयल समेत अन्य पर मुकदमा दर्ज
- एसीबी जांच जारी
- घोटाले में शामिल अधिकारियों को बर्खास्त करने की सिफारिश
यह घोटाला हरियाणा सरकार के लिए एक बड़ा झटका है। सरकार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का वादा किया है।