आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मानेसर जमीन घोटाले मामले में पूछताछ जारी रखी। हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने कांग्रेस सरकार में रहते हुए मानेसर में प्राइवेट बिल्डरों को फायदा पहुंचाया था।

ED ने इस मामले में पहले ही कई बड़े बिल्डरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इन बिल्डरों में ABW इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, महामाया एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, शशिकांत चौरसिया, दिलीप ललवानी, वरिंदर उप्पल, विजय उप्पल, रविंदर तनेजा, TDI इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, विजडम रियलटोर्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी रिफोंस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

जांच में पता चला है कि इन बिल्डरों ने मानेसर, नौरंगरपुर और लखनौला के किसानों को सस्ते दामों पर जमीन अधिग्रहण का डर दिखाकर 20 से 25 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से 350 एकड़ जमीन को अपने नाम करवा लिया था। ED का आरोप है कि बिल्डरों के कहने पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन निकाला। इसका फायदा उठाते हुए बिल्डरों ने सस्ते दामों में खरीदी हुई जमीन को प्रति एकड़ करीब 4 करोड़ रुपए में बेच दिया।

बाद में सरकार ने साल 2007 में ये नोटिफिकेशन वापस ले लिया था। इससे जमीन मालिकों को करीब 1500 करोड़ का नुकसान हुआ था।

ED की जांच में पता चला है कि ABWIL ग्रुप के मालिक अतुल बंसल ने किसानों से सबसे ज्यादा जमीन खरीदी थी। बाद में दूसरे बिल्डरों को महंगे दामों पर बेच दी थी।

इस पूरे मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित 34 आरोपियों के खिलाफ फरवरी 2018 में हरियाणा के पंचकूला में चार्जशीट भी दाखिल की थी।

हुड्डा ने इन आरोपों को हमेशा से खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि वे इस मामले में निर्दोष हैं और ED की जांच में सहयोग करेंगे।