प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध आव्रजन रैकेट को सहायता देने वाले एजेंटो के खिलाफ गुजरात और दिल्ली में छापेमारी की है। छापेमारी में बड़ी मात्रा में नकदी और विदेशी मुद्रा जब्त की गई है।
ED ने बताया कि छापेमारी 19 और 20 जनवरी को गुजरात के अहमदाबाद, सूरत और मेहसाणा और दिल्ली में की गई थी। एजेंसी ने कहा कि छापेमारी में बॉबी उर्फ भरतभाई पटेल, चरणजीत सिंह और अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की गई।
ED ने कहा कि आरोपी गलत तरीके से यात्रिकों को डुप्लिकेट या फर्जी पासपोर्ट के जरिए कई देशों के वीजा प्राप्त करने के लिए और अवैध रूप से विदेश भेजने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रहे थे।
ED ने बताया कि छापेमारी में लगभग 1.5 करोड़ रुपये नकद और विदेशी मुद्रा में लगभग 21 लाख रुपये जब्त किए गए हैं। साथ ही, डिजिटल और डॉक्यूमेंट्री में कई सबूत जब्त किए गए हैं।
ED ने कहा कि इस मामले की जांच जारी है और आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी वीजा और पासपोर्ट के जरिए विदेश भेजते थे
ED ने बताया कि आरोपी गलत तरीके से यात्रिकों को डुप्लिकेट या फर्जी पासपोर्ट के जरिए कई देशों के वीजा प्राप्त करने में मदद करते थे। इसके बाद वे इन यात्रियों को अवैध रूप से विदेश भेज देते थे।
ED के मुताबिक, आरोपी एक यात्री से इसके लिए 60 से 75 लाख रूपये, प्रत्येक जोड़े से कम से कम एक करोड़ रुपये वसूलते थे।
गुजरात पुलिस ने पहले किया था खुलासा
गौरतलब है कि भरतभाई पटेल को 2022 में गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोपी पटेल डिंगुचा मामले में भी शामिल था, जहां कनाडा से अमेरिका में अवैध रूप से घुसने के प्रयास करते समय चार लोगों की मौत हो गई थी।
मनमानी वीजा और पासपोर्ट के जरिए विदेश भेजने के मामले में गुजरात पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और पासपोर्ट अधिनियम के तहत दो एफआईआर दर्ज की थीं। ED ने इन एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था।