चीन-किर्गिस्तान बॉर्डर पर सोमवार (22 जनवरी) की रात 11:39 बजे 7.2 तीव्रता का भूकंप आया। दक्षिणी शिनजियांग में आए भूकंप का केंद्र जमीन से 22 किमी नीचे था। भूकंप के कारण कई इमारतें ढह गई हैं और कई लोग घायल हुए हैं।
भूकंप के बाद 40 आफ्टरशॉक भी दर्ज किए गए हैं। भूकंप का सबसे ज्यादा असर उरूम्की, कोरला, काशगर, यिनिंग में हुआ है। चीन के शिनजियांग रेल विभाग का कहना है कि उन्हें 27 ट्रेनों का ऑपरेशन रोकना पड़ा है।
जगह-जगह फंसे लोगों को बचाने के लिए 200 रेस्क्यू वर्कर्स की टीमें रवाना की गई हैं।
भूकंप का असर भारत में भी देखने को मिला। 1400 किलोमीटर दूर दिल्ली-NCR में काफी देर तक लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। घबराए लोग अपने घरों से बाहर निकलकर खुले इलाके में पहुंचे।
भूकंप के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि भूकंप के कारण किसी भी तरह के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.2 मापी गई है। यह भूकंप भारत के उत्तरी-पश्चिमी हिस्से में भी महसूस किया गया।
भूकंप से चीन और भारत में हुए नुकसान का अभी तक कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।