यूपीआई पेमेंट भारत में डिजिटल भुगतान का सबसे लोकप्रिय तरीका है। यह सुविधाजनक, त्वरित और सुरक्षित है। अभी तक, यूपीआई लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। लेकिन, हाल ही में इस पर चार्ज लगाने की बहस फिर से शुरू हो गई है।
PhonePe और Google Pay भारत में यूपीआई मार्केट में सबसे आगे हैं। इन दोनों कंपनियों का कहना है कि यूपीआई पर चार्ज लगाना जरूरी है। उनका तर्क है कि इससे उन्हें लेनदेन से होने वाले खर्च की भरपाई करने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार ने यूपीआई पर चार्ज लगाने की योजना से इनकार किया है। सरकार का कहना है कि यूपीआई लेनदेन को सस्ता और सुलभ रखना जरूरी है।
NPCI, जो यूपीआई को संचालित करता है, ने भी इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है।
यूपीआई पर चार्ज लगाने के पक्ष और विपक्ष:
पक्ष में:
- लेनदेन से होने वाले खर्च की भरपाई
- डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन
- छोटे व्यापारियों के लिए लाभ
विपक्ष:
- डिजिटल भुगतान को महंगा
- यूपीआई लेनदेन में कमी
- गरीबों और कम आय वाले लोगों के लिए नुकसानदायक
अभी तक यूपीआई पर कोई चार्ज नहीं लगाया गया है। सरकार ने यूपीआई को सस्ता और सुलभ रखने का वादा किया है। NPCI ने इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है।