मिजोरम विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन हुआ है। नई नवेली पार्टी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) ने 27 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है। सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) को 10 सीटें मिली हैं। भाजपा ने दो सीटें जीतीं हैं, जबकि कांग्रेस को एक सीट मिली है।
ZPM की जीत के साथ ही पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदार लालदुहोमा मिजोरम के नए मुख्यमंत्री बनने की राह पर हैं। उन्होंने कहा कि वह अगले दो दिनों के अंदर राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
मिजोरम में सबसे बड़ा उलटफेर आइजोल ईस्ट-1 सीट पर हुआ। यहां मुख्यमंत्री जोरामथंगा चुनाव हार गए। उन्हें ZPM के ललथनसंगा ने 2,000 से ज्यादा वोटों से हराया। हार के बाद CM ने डॉ. हरि बाबू कंभमपति से मुलाकात कर इस्तीफा दे दिया।
ZPM की जीत के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। इनमें से एक कारण यह है कि पार्टी ने युवाओं और महिलाओं को अपने साथ जोड़ा। इसके अलावा, पार्टी ने विकास और रोजगार जैसे मुद्दों पर जोर दिया।
ZPM की जीत के साथ ही मिजोरम में एक नया युग की शुरुआत हुई है। यह देखना होगा कि लालदुहोमा नेतृत्व वाली नई सरकार राज्य को किस दिशा में ले जाती है।
जोरम पीपुल्स मूवमेंट की जीत के प्रमुख कारण
- युवाओं और महिलाओं का समर्थन
- विकास और रोजगार जैसे मुद्दों पर फोकस
- सत्ताधारी MNF की नाराजगी
लालदुहोमा के बारे में
- पूर्व IPS अधिकारी
- पूर्व PM इंदिरा गांधी की सिक्योरिटी संभाल चुके हैं
- 1984 में मिजोरम से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सीट जीती
- 1988 में दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले लोकसभा सांसद बने
- 2018 में आइजोल पश्चिम- I और सेरछिप से निर्दलीय चुनाव जीता