चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। यह कार्रवाई आठ मतपत्रों को गलत तरीके से अमान्य करार देने और अदालत में झूठ बोलने के कारण की गई है।
30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आप-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले थे। पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने इनमें से आठ वोटों को अमान्य करार दिया था। कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने आठ वोटों को वैध माना और कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया। सुप्रीम कोर्ट ने अनिल मसीह पर सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया।
सीआरपीसी की धारा 340 क्या है?
सीआरपीसी की धारा 340 के तहत झूठी गवाही देने, झूठे साक्ष्य पेश करने और सार्वजनिक न्याय के खिलाफ अपराध करने वालों को दंडित किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि अनिल मसीह ने आठ मतपत्रों को गलत तरीके से अमान्य करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पाया कि अनिल मसीह ने अदालत में झूठ बोला था।
अनिल मसीह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है। अनिल मसीह को लंबी सजा हो सकती है। अनिल मसीह को सेवा से समाप्त किया जा सकता है। अनिल मसीह अदालत में कार्रवाई को चुनौती दे सकते हैं।