भीड़ नियंत्रण में विफलता के बाद सत्संग में मची भगदड़
सत्संग के बाद भोले बाबा के चरण की धूल माथे पर लगाने के लिए लोग आगे बढ़े। इस दौरान बाबा के सुरक्षाकर्मी (ब्लैक कमांडो) और सेवादारों ने भीड़ के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। लोग गिर गए और भगदड़ मच गई। यह जांच रिपोर्ट SDM ने हाथरस DM को सौंपी है। CM योगी आदित्यनाथ ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा की आर्मी का जिक्र करते हुए कहा कि ये लोग प्रशासन को प्रोग्राम में घुसने नहीं देते। खुद ही अपना क्राउड मैनेजमेंट चलाते हैं। 123 लोगों की मौत के बाद अब सवाल उठता है कि बाबा की प्राइवेट आर्मी क्या है? बाबा की सुरक्षा कितनी लेयर की है? सुरक्षाकर्मियों की पहचान कैसे होती है? उन्हें सैलरी कितनी मिलती है?
बाबा की प्राइवेट आर्मी का विस्तार
भोले बाबा की सुरक्षा व्यवस्था देखने वाली आर्मी में 5000 से ज्यादा पिंक वर्दी में जवान और 100 ब्लैक कैट कमांडो शामिल हैं। ये आर्मी प्रॉपर फिजिकल ट्रेनिंग और कार्यक्रम स्थल पर थ्री लेयर सिक्योरिटी सिस्टम से बाबा की सुरक्षा करती है। कमांडर-इन-चीफ बाबा खुद हैं। ब्लैक कमांडो की एक महिला विंग भी है जो बाबा को हर समय घेरे रहती है।
पुलिस भी रहती है बेबस
बाबा की प्राइवेट आर्मी इतनी ताकतवर है कि पुलिस को भी कार्यक्रम स्थल के अंदर नहीं आने देती। हाथरस में हुए भगदड़ कांड में भी यही हुआ, बाबा की आर्मी ने प्रशासन को अंदर नहीं जाने दिया।
ट्रेनिंग और सैलरी
पिंक आर्मी को क्राउड मैनेजमेंट और ट्रैफिक की ट्रेनिंग दी जाती है, जबकि ब्लैक कैट कमांडो को सुरक्षा करने की ट्रेनिंग मिलती है। यह ट्रेनिंग रिटायर्ड सेना और पुलिस के जवान देते हैं, जो बाबा के अनुयायी हैं। पिंक आर्मी को कोई सैलरी नहीं दी जाती है। ये बाबा के कट्टर अनुयायी होते हैं और ज्यादातर ड्रेस खुद के पैसे से बनवाते हैं।
बाबा की सुरक्षा की लेयरिंग
भोले बाबा की सुरक्षा में एक भी पुलिसकर्मी नहीं रहता। सबसे बाहरी सुरक्षा पिंक आर्मी करती है, फिर हरि वाहक दस्ता भूरे रंग की ड्रेस में होता है। बाबा के सबसे करीब ब्लैक कमांडो रहते हैं जिन्हें गरुड़ योद्धा कहते हैं। इनकी संख्या 100 तक होती है और ये किसी भी स्थिति में बाबा के आदेश पर मरने-मारने को तैयार रहते हैं।
लोगों से अभद्रता और मोबाइल पर पाबंदी
बाबा के सत्संग के दौरान गार्ड अनुयायियों के अलावा दूसरे लोगों से बेहद गलत तरीके से बात और व्यवहार करते हैं। सड़क पर यातायात को अपने तरीके से चलाते हैं और यदि कोई वाहन चालक इनकी बात नहीं मानता तो अभद्रता और मारपीट करते हैं। बाबा के सत्संग में किसी भी अनुयायी को मोबाइल से वीडियो बनाने की अनुमति नहीं होती।
नारायणी सेना
सत्संग में सुरक्षा की जिम्मेदारी पिंक आर्मी पर रहती है जिसे नारायणी सेना भी कहते हैं। बाबा ने इनका खास ड्रेस कोड बनवा रखा है और गले में आई कार्ड भी होता है। जहां भी बाबा का सत्संग होता है, वहां करीब चार से पांच हजार पिंक आर्मी के गार्ड तैनात रहते हैं।
हाथरस में पुलिस बेबस
हाथरस में बाबा की फौज ने ट्रैफिक और सुरक्षा की कमान अपने हाथ में ले रखी थी। पुलिस भी इनके आगे बेबस नजर आई। एक पुलिसकर्मी ने बताया कि उनकी ड्यूटी सत्संग स्थल पर थी, मगर बाबा के गार्डों ने सहयोग नहीं किया और उन्हें अंदर तक घुसने में मुश्किल हुई।
थ्री लेयर सिक्योरिटी सिस्टम
सिकंदराराऊ थाना प्रभारी मनवीर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की संख्या की जो अनुमति ली गई थी, उसके अनुसार सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई थी। हमारे जवानों ने जब अंदर की व्यवस्था देखने के लिए पंडाल के अंदर जाना चाहा तो बाबा के गार्डों ने उन्हें रोक दिया। इसी कारण जब भगदड़ मची तो पुलिस के जवान भी चपेट में आ गए।