17th Lok Sabha Attendance : भारत में लोकसभा चुनाव के नजदीक जाते हुए, 10 फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट सत्र समाप्त हो गया है। इसके बाद, संसदीय प्रणाली पर रिसर्च करने वाली संस्था, पीआरएस लेजिस्लेटिव, ने अपनी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें 17वीं लोकसभा के सांसदों की प्रदर्शन क्षमता पर विस्तृत विश्लेषण किया गया है।

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 17वीं लोकसभा के कार्यकाल में संसद सत्रों के दौरान सांसदों की उपस्थिति औसतन 78.6% रही, जो कि पिछले कुछ सालों की तुलना में अच्छी है। इसमें कुछ सांसदों के उच्च उपस्थिति दर थी, जबकि कुछ ने कम उपस्थिति दर की।

उच्च उपस्थिति दर:

रिपोर्ट के अनुसार, कुछ सांसदों ने सत्रों के दौरान बहुत उच्च उपस्थिति दर बनाए रखी, जो चुनौतीपूर्ण मुद्दों पर बहस करने में सक्षम रहे।

कम उपस्थिति दर:

वहीं, कुछ सांसदों ने कम उपस्थिति दर बनाए रखी और उन्होंने बहसों और चर्चाओं में अपनी भागीदारी कम की।

बैठकों की उपस्थिति

सांसदों ने कुल 274 बैठकों में भाग लिया, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।

महत्वपूर्ण बिल्स और चुनौतीपूर्ण मुद्दे:

रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ सांसदों ने महत्वपूर्ण बिल्स पर बहस की और कुछ ने चुनौतीपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। इस रिपोर्ट के आधार पर यह सामने आया है कि भारतीय संसद में चर्चा और बहस में सांसदों की उपस्थिति में विवाद था।

दो सांसदों की 100 परसेंट अटेंडेंस

इस बैठक में बीजेपी के अजमेर और कांकेर के दो सांसदों ने 100 परसेंट का अटेंडेंस दर्ज कराया तो वहीं सांसद सनी देओल और शत्रुघ्न सिन्हा किसी भी बैठक के दौरान हुए बहस में शामिल नहीं हुए।

शत्रुघ्न सिन्हा पश्चिम बंगाल के आसनसोल लोकसभा सीट से TMC के सांसद हैं. इस सीट पर अप्रैल 2022 में उपचुनाव हुआ था और उस वक्त टीएमसी के शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी उम्मीदवार अग्निमित्र पॉल को तीन लाख वोटों के अंतर से हराया था।

वहीं सनी देओल पंजाब के गुरदासपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं। हालांकि सनी देओल ने कुछ महीने पहले ही चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी। एक इंटरव्यू में सनी ने कहा था- मैं क्षेत्र के लोगों और संसद को समय नहीं दे पा रहा हूं, इसलिए अब भविष्य में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक, 2019 से 2024 तक सनी देओल की संसद में उपस्थिति सिर्फ 18 प्रतिशत रही। बजट सत्र 2023 को छोड़ दिया जाए, तो एक्टर से राजनीति में आए सनी साल 2021 से संसद के किसी भी कार्यवाही में शामिल नहीं हुए।

सनी देओल ने साल 2019 में गुरदासपुर सीट से कांग्रेस के सुनील जाखड़ को चुनाव हराया था. उस वक्त देओल को 5 लाख 58 हजार वोट मिले थे, जबकि जाखड़ को 4 लाख 76 हजार वोट. जाखड़ अब भारतीय जनता पार्टी में हैं और पंजाब संगठन की कमान संभाल रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आखिरी भाषण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17वीं लोकसभा के आखिरी भाषण में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और देश के पांच सालों में किए गए कार्यों की श्रेणीबद्ध जानकारी प्रदान की।

रिफॉर्म, परफॉर्म, और ट्रांसफॉर्म

पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले पांच सालों में देश को रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म किया है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में परिवर्तन हुआ है।

चुनौतियों का सामना

उन्होंने स्पष्ट किया कि संसद के माध्यम से देश ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन सरकार ने उन्हें सफलता के साथ निभाया है।

देश सेवा में कई महत्वपूर्ण निर्णय

पीएम ने 17वीं लोकसभा के 5 साल में देश सेवा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जो समाज के विकास में सहायक हैं।

सांसदों का आभार

मोदी ने सभी सांसदों का आभार व्यक्त किया और संसदीय दलों के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

संकट काल में देश की जरूरतों का समर्थन

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि संकट काल में, जब देश की जरूरतें बढ़ रही थीं, सभी सांसदों ने उनके प्रस्ताव का समर्थन किया और सांसद निधि छोड़ने के प्रस्ताव को मान लिया। इस भाषण के माध्यम से पीएम मोदी ने 17वीं लोकसभा के कार्यकाल की महत्वपूर्ण घटनाओं पर पूरी तरह से चर्चा की और सांसदों का आभार व्यक्त किया।