हरियाणा के तीन खिलाड़ियों को इस साल अर्जुन अवार्ड से नवाजा जाएगा। इनमें कुश्ती में अंतिम पंघाल और सुनील कुमार, और गोल्फ में दीक्षा डागर शामिल हैं।
अंतिम पंघाल ने हाल ही में चीन के हांगझोऊ में हुई एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता था। सुनील कुमार ने भी एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता था। दीक्षा डागर ने महिलाओं की व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक जीता था।
इन खिलाड़ियों के अर्जुन अवार्ड जीतने से पूरे हरियाणा में खुशी की लहर है। हरियाणा में खेलों को बढ़ावा देने में इन खिलाड़ियों की भूमिका अहम रही है।
अंतिम पंघाल:
अंतिम पंघाल का जन्म हिसार के गांव भगाना में हुआ था। उन्होंने अपनी बहन के कहने पर कुश्ती का अभ्यास शुरू किया था। शुरुआत में उन्होंने अपने गांव में ही प्रैक्टिस शुरू की थी। इसके बाद एक प्राइवेट एकेडमी से कोचिंग ली।
अंतिम पंघाल ने साल 2022 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा।
अंतिम पंघाल के पिता का नाम जयपाल सिंह और मां का नाम सुशीला देवी है। उनके पिता किसान हैं और मां गृहिणी हैं।
सुनील कुमार:
सुनील कुमार का जन्म सोनीपत के गांव टिकरी में हुआ था। उन्होंने साल 2013 में कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने साल 2018 में एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था।
सुनील कुमार ने हाल ही में एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता था। वह ग्रीको रोमन कुश्ती में 10 साल बाद अर्जुन अवार्ड जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने हैं।
सुनील कुमार के पिता का नाम रामपाल और मां का नाम राजवंती देवी है। उनके पिता किसान हैं और मां गृहिणी हैं।
दीक्षा डागर:
दीक्षा डागर का जन्म झज्जर के गांव लाडवा में हुआ था। उन्होंने साल 2022 में एशियन गेम्स में रजत पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने साल 2023 में महिलाओं की व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक जीता।
दीक्षा डागर बांए हाथ की गोल्फर हैं। उन्होंने साल 2019 में जूनियर एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने साल 2020 में यूरोपीय जूनियर ओपन चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था।
दीक्षा डागर के पिता का नाम रमेश डागर और मां का नाम सुमन डागर है। उनके पिता एक बिजनेसमैन हैं और मां गृहिणी हैं।
अर्जुन अवार्ड का इतिहास
अर्जुन अवार्ड भारत सरकार द्वारा खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को दिया जाने वाला सम्मान है। यह पुरस्कार 1961 से दिया जा रहा है।
अर्जुन अवार्ड के लिए हर साल एक समिति का गठन किया जाता है। यह समिति खिलाड़ियों के प्रदर्शन, पदक जीतने के इतिहास, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के अनुभव आदि को ध्यान में रखकर चयन करती है।
अर्जुन अवार्ड के लिए चुने गए खिलाड़ियों को 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक प्रशस्ति पत्र, और एक पदक दिया जाता है।
हरियाणा के 112 खिलाड़ियों को अभी तक अर्जुन अवार्ड मिल चुका है। इनमें से सात खिलाड़ियों को खेल रत्न अवार्ड भी मिल चुका है।