मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने शनिवार को पुणे में सिम्बॉयसेस फिल्म फेस्टिवल में कहा कि साउथ सिनेमा अच्छा कर रहा है, लेकिन हिंदी सिनेमा भी पीछे नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों सिनेमाओं की अपनी-अपनी खूबियां हैं।
अमिताभ ने एक स्टूडेंट के सवाल का जवाब देते हुए कहा, “रीजनल सिनेमा बहुत अच्छा काम कर रहा है। लेकिन जब हम साउथ के फिल्ममेकर्स से बात करते हैं तो वे कहते हैं कि हम वही फिल्में बना रहे हैं जो आप हिंदी में बनाते हैं। हम बस ड्रेसिंग बदल देते हैं ताकि हमारी फिल्में खूबसूरत लगें।”
उन्होंने कहा, “मैंने कई लोगों से बात की है जो कहते हैं कि हम आपकी पुरानी फिल्मों के रीमेक बना रहे हैं। हमारी कहानियों में भी आपको ‘दीवार’, ‘शक्ति’ और ‘शोले’ की झलक मिलेगी।”
अमिताभ ने कहा कि मलयालम और कुछ तमिल सिनेमा ऑथेंटिक और एस्थेटिक हैं। उन्होंने कहा, “किसी भी क्षेत्रीय सिनेमा को दूसरे क्षेत्रीय सिनेमा से बेहतर कहना गलत है। दोनों सिनेमाओं की अपनी-अपनी खूबियां हैं।”
अमिताभ ने कहा कि हिंदी सिनेमा में भी बहुत अच्छी फिल्में बन रही हैं। उन्होंने कहा, “हाल ही में रिलीज हुई ‘भूल भुलैया 2’, ‘आरआरआर’ और ‘जुग जुग जियो’ जैसी फिल्में बहुत अच्छी हैं।”
अमिताभ ने कहा कि हिंदी सिनेमा को लगातार नए प्रयोग करने चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें अपनी कहानियों को नए तरीके से पेश करना चाहिए। हमें तकनीक का भी इस्तेमाल करना चाहिए।”
अमिताभ ने कहा कि हिंदी सिनेमा को दुनियाभर में फैलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “हमें अपने सिनेमा को दुनियाभर में प्रमोट करना चाहिए। हमें अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में अपनी फिल्में भेजनी चाहिए।”