आजकल साइबर अपराधी नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं लोगों को ठगने के लिए। इनमें से एक है AI वॉयस क्लोनिंग स्कैम।
यह कैसे काम करता है?
- 3 सेकेंड की आवाज काफी है: स्कैमर्स को आपकी 3 सेकेंड की आवाज ही काफी है।
- AI बना देगा हू-ब-हू आवाज: इस आवाज की मदद से AI आपकी हू-ब-हू आवाज की कॉपी बना देगा।
- फिरौती का झंझावत: इसके बाद स्कैमर आपके किसी करीबी को कॉल करेंगे और आपकी आवाज में रोते हुए फिरौती मांगेंगे।
यह कितना खतरनाक है?
- मैकफी ने किया है कंफर्म: पॉपुलर सॉफ्टवेयर सिक्योरिटी कंपनी मैकफी ने भी इस खतरे को कंफर्म किया है।
- 85% तक सटीक: मैकफी के मुताबिक, AI 3 सेकेंड की आवाज से 85% तक सटीक हू-ब-हू आवाज बना सकता है।
- आधे से ज्यादा लोग शेयर करते हैं वॉयस डेटा: एक सर्वे के मुताबिक, भारत सहित 7 देशों में आधे से ज्यादा लोग सोशल मीडिया पर अपना वॉयस डेटा शेयर करते हैं। यही डेटा AI को मिल जाता है।
AI वॉयस क्लोनिंग से कैसे बचें?
- अनजान नंबरों से सावधान: अनजान नंबरों से आने वाली कॉलों पर सावधान रहें।
- एक बार में पैसे न दें: किसी भी अनजान कॉलर को एक बार में पैसे न दें।
- कोड वर्ड का इस्तेमाल करें: परिवार के साथ पहले से ही किसी कोड वर्ड का इस्तेमाल करने की योजना बना लें।
- खुद करें वेरिफाई: कॉल करने वाले की पहचान खुद वेरिफाई करें।
- सोशल मीडिया पर सावधान: सोशल मीडिया पर अपनी आवाज शेयर करते समय सावधान रहें।
- सॉफ्टवेयर अपडेट रखें: अपने फोन और सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें।
- रिपोर्ट करें: अगर आपको कोई संदिग्ध कॉल आती है, तो उसे रिपोर्ट करें।