दिल्ली: 12 फरवरी को, दिल्ली की ओर बढ़ रहे 2500 ट्रैक्टरों के साथ किसानों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच 5 घंटे तक चली मीटिंग बेनतीजा रही। चंडीगढ़ में हुई इस बैठक में कुछ मुद्दों पर सहमति बनी, लेकिन MSP गारंटी कानून पर कोई समझौता नहीं हो सका।
सरकार ने मानीं कुछ मांगें:
- बिजली अधिनियम 2020 रद्द करने की सहमति
- लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को मुआवजा
- किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेना
MSP पर गतिरोध:
- किसानों ने MSP गारंटी कानून की मांग
- सरकार ने हाईपॉवर कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया
- किसानों ने तुरंत घोषणा की मांग
आगे की रणनीति:
- 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो मार्च’
- 20 हजार किसानों और 2500 ट्रैक्टरों के दिल्ली पहुंचने का अनुमान
- किसानों ने MSP पर ठोस घोषणा न होने पर अनिश्चितकालीन धरना देने की चेतावनी दी
यह बैठक किसानों और सरकार के बीच गतिरोध को दूर करने में विफल रही। MSP गारंटी कानून पर दोनों पक्षों के बीच मतभेद बने हुए हैं। 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो मार्च’ किसान आंदोलन का अगला महत्वपूर्ण मोड़ होगा।
- दिल्ली पुलिस ने 13 फरवरी के मार्च के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
- किसान संगठनों ने दिल्ली में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।
- सरकार और किसानों के बीच अगले दौर की बातचीत की तारीख अभी तय नहीं हुई है।