महाराष्ट्र में शनिवार को एक सनसनीखेज घटना में, सत्तारूढ़ दल शिवसेना के एक नेता पर गोली चलाने के आरोप में भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़ को गिरफ्तार किया गया। इस घटना ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है।

विपक्ष का आरोप:

विपक्षी खेमे, शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में गैंगवार जैसे हालात हैं। ठाकरे ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में एक गिरोह युद्ध छिड़ गया है। उन्होंने कहा, “तीसरा गिरोह 70,000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले में डूबा हुआ है। इसलिए उसके पास सिर उठाने का समय नहीं है।”

पुलिस हिरासत:

गायकवाड़ को 14 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। उन्हें और दो अन्य को शनिवार शाम को उल्हासनगर में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था।

एससी-एसटी कानून के तहत मामला:

गायकवाड़ पर शिवसेना नेता और एक अन्य व्यक्ति को गोली मारकर घायल करने के आरोप में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार (रोकथाम) कानून (एससी-एसटी कानून) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया कि एक ग्रामीण की शिकायत पर महिला से दुर्व्यवहार के आरोप में भाजपा विधायक पर एससी-एसटी कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

घटना का प्रभाव:

यह घटना महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मोड़ ला सकती है। गायकवाड़ की गिरफ्तारी से भाजपा और शिवसेना के बीच संबंधों में और भी खटास आने की संभावना है। साथ ही, यह घटना राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी सवालिया निशान खड़ा करती है।