राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज तीसरा दिन है। मंगलवार की सुबह यात्रा नगालैंड की राजधानी कोहिमा के विसवेमा इलाके से शुरू हुई। राहुल गांधी सोमवार की शाम नगालैंड पहुंचे थे। सुबह राहुल गांधी ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और मुलाकात के बाद कोहिमा से अपनी यात्रा आगे बढ़ाई।
राहुल गांधी ने कहा कि “बीते साल हमने भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की थी और देश के लोगों, विभिन्न संस्कृतियों, विभिन्न धर्मों और अलग-अलग भाषाई लोगों को साथ लाने की कोशिश की थी। तभी हमें पूर्व से पश्चिम की यात्रा करने का भी विचार आया था।”
राहुल गांधी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर कहा कि “आरएसएस और भाजपा ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को पूरी तरह से राजनीतिक नरेंद्र मोदी कार्यक्रम बना दिया है। यह आरएसएस और भाजपा का कार्यक्रम है और मुझे लगता है कि इसी वजह से कांग्रेस अध्यक्ष इस कार्यक्रम में नहीं जा रहे हैं। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। यहां तक की हिंदू धर्म के सबसे बड़े गुरुओं ने भी अपने विचार सार्वजनिक किए हैं और कहा है कि 22 जनवरी का कार्यक्रम राजनीतिक कार्यक्रम है। ऐसे में हमारा ऐसे कार्यक्रम में जाना मुश्किल है, जिसे प्रधानमंत्री और आरएसएस के इर्द-गिर्द बनाया गया है।”
राहुल गांधी ने इंडो-नागा राजनीतिक विवाद पर कहा कि “मैंने कई नगा नेताओं से इस मुद्दे पर बात की है और उनका कहना है कि वह भी हैरान हैं कि बात आगे क्यों नहीं बढ़ी। हमें ये भी नहीं पता कि पीएम मोदी इसका हल निकालने के लिए क्या कर रहे हैं। यह मुद्दा एक समस्या है और इसे सुलझाने के लिए चर्चा की जरूरत है। जहां तक प्रधानमंत्री की बात है तो इसकी साफ कमी है। पीएम बिना सोचे वादे करते हैं और मुझे पता है कि लोग इसे लेकर नाराज हैं क्योंकि बीते नौ सालों से कुछ नहीं हुआ है।”
राहुल गांधी ने विपक्षी गठबंधन पर कहा कि “2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए विपक्षी गठबंधन मजबूती से काम कर रहा है। यह यात्रा भी एक विचारधारा की यात्रा है। देश में काफी अन्याय हुआ है और हम इसे लेकर ही यात्रा निकाल रहे हैं। विपक्षी गठबंधन की स्थिति बहुत अच्छी है। हम सहयोगियों से बात कर रहे हैं और सीट बंटवारे पर बात हो रही है। सबकुछ अच्छा चल रहा है।”
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का विश्लेषण
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है। यह यात्रा 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए विपक्षी गठबंधन की एक कोशिश है। यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी देश के लोगों से संवाद करने और उन्हें अपने विचारों से अवगत कराने की कोशिश कर रहे हैं।
राहुल गांधी की यात्रा के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी है। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की है और देश में हो रहे अन्याय पर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने इंडो-नागा राजनीतिक विवाद और राम मंदिर कार्यक्रम को लेकर भी अपनी बात रखी है।
राहुल गांधी की यात्रा का विपक्षी गठबंधन के लिए एक अच्छा संकेत है। यात्रा से विपक्षी गठबंधन को मजबूती मिलने की उम्मीद है। हालांकि, यात्रा की सफलता के लिए विपक्षी दलों को एकजुट होकर काम करना होगा।