केंद्र सरकार ने बुधवार को मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम गुट) को गैरकानूनी घोषित कर दिया। सरकार ने यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत की है। संगठन पर आरोप है कि वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा दे रहा था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, “मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम गुट)/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संघठन’ घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं।”
शाह ने आगे कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।”
मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम गुट) का नेतृत्व मसरत आलम करते हैं। आलम साल 2010 में घाटी में हुए प्रो-आजादी प्रोटेस्ट के मुख्य आयोजकों में से एक थे। उस दौरान के विरोध प्रदर्शनों के बाद आलम को कई अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार किया गया था और साल 2015 में रिहा कर दिया गया था। इसके बाद ही पीडीपी और बीजेपी के गठबंधन में दरार आई थी।
केंद्र सरकार की इस कार्रवाई को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत माना जा रहा है। सरकार ने हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादियों और अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया है।