उन्होंने कहा कि खेल वातावरण फिर से शुरू हो सके इसलिए गोंडा में नेशनल चैंपियनशिप फिर करवाई जा रही थी। सरकार फेडरेशन पर रोक लगाने की बजाय चैंपियनशिप को अपनी निगरानी में कराए ताकि खिलाड़ियों का नुकसान न हो।
बृजभूषण ने कहा कि वह कुश्ती संघ से संन्यास ले चुके हैं और अब सरकार के फैसले पर जो भी बात करनी होगी, वो नई फेडरेशन करेगी। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के हित को देखते हुए उनका सरकार से अनुरोध है कि नेशनल चैंपियनशिप पर लगी रोक हटाई जाए ताकि पहलवानों का नुकसान न हो।
बजरंग पूनिया ने सरकार के फेडरेशन भंग करने के फैसले को सही करार दिया है। उन्होंने कहा कि फेडरेशन में महिला पहलवानों के साथ अत्याचार हुआ है। उन्होंने कहा कि पहलवान तिरंगे के लिए खून-पसीना बहाते हैं और सरकार को खिलाड़ियों के हित में फैसले लेने चाहिए।
साक्षी मलिक ने भी सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अब फेडरेशन में चरित्रवान लोग आएंगे और महिला पहलवानों के हित में काम किया जाएगा।
नए अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि वह खेल मंत्रालय के फैसले को चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव हुए थे और उन्हें 40 वोट मिले थे। उन्होंने कहा कि वह पहलवानों को एक साथ लेकर चलने का प्रयास कर रहे थे।