दिल्ली: पहलवान बजरंग पूनिया के बाद हरियाणा के सासरोली निवासी वीरेंद्र सिंह (गूंगा पहलवान) ने भी पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का एलान कर दिया है। उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट लिखकर यह ऐलान किया।

वीरेंद्र सिंह ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मैं भी अपनी बहन और देश की बेटी साक्षी मलिक के लिए प्रधानमंत्री को पद्मश्री लौटा दूंगा। मुझे गर्व है आपकी बेटी और अपनी बहन साक्षी मलिक पर।”

उन्होंने आगे लिखा, “देश के सबसे उच्च खिलाड़ियों से भी अनुरोध करूंगा वो भी अपना निर्णय दें।”

वीरेंद्र सिंह को 2021 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पदमश्री पुरस्कार से नवाजा गया था।

वीरेंद्र सिंह की संघर्ष भरी कहानी

वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान हरियाणा के झज्जर जिले के गांव सासरोली में एक साधारण परिवार में पैदा हुए थे। जन्म के समय ही उन्हें सुनने और बोलने की समस्या थी। लेकिन, वीरेंद्र ने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत में बदलकर दिखा दिया।

वीरेंद्र ने 10 साल की उम्र से ही पहलवानी सीखना शुरू कर दिया था। उन्होंने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मेलों में लगने वाले दंगल में सामान्य पहलवानों के साथ कुश्ती करके अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया।

वीरेंद्र सिंह ने 2005, 2013 और 2017 के बधिर ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीता है। इसके अलावा, उन्होंने वर्ल्ड डेफ (बधिर) रेसलिंग चैंपियनशिप में भी कई मेडल जीते हैं।

वीरेंद्र सिंह की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से साबित कर दिया कि अगर इंसान चाहे तो किसी भी चुनौती को पार कर सकता है।