हरियाणा के हिसार जिले के उकलाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक बुजुर्ग दंपती को उनके बेटे के कर्ज के चलते बैंक ने घर से निकाल दिया। अब यह दंपती अपने चार पोते-पोतियों के साथ खुले आसमान के नीचे रातें गुजारने को मजबूर हैं।

गांव मदनपुरा निवासी प्रताप और बिमला ने बताया कि उनके बेटे राजेश ने कोरोना काल से पहले IDFC बैंक से 2 लाख रुपये का लोन लिया था। उन्होंने बताया कि उनकी बेटे की काफी किश्तें भरी गईं, लेकिन बीच में लॉकडाउन आने पर उसका काम कम हो गया तो किश्तें नहीं भरी और एक दिन वह घर से अचानक लापता हो गया। जिसका आज तक पता नहीं चला। इसके बाद उनकी पुत्रवधु कमलेश रानी भी अपने बच्चे सागर, केशव, निकिता और दिव्या को उनके पास छोड़कर अपने मायके चली गई। तब से वे ही दिहाड़ी मजदूरी करके बच्चों को पाल रहे हैं।

14 दिसंबर को बैंक वालों ने उनके घर पर पहुंचकर ताला लगा दिया। उन्हें कपड़े आदि कुछ भी नहीं निकालने दिया। अब घर होते हुए भी वे बेघर हो गए और ठंड के मौसम में यहीं घर के बाहर पड़े हैं। आसपास के लोग खाना दे देते हैं, कई बार तो रोटी नसीब भी नहीं हो पाती।

सोमवार को बुजुर्गों का दर्द लोगों से देखा नहीं गया तो काफी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे और आरोप लगाया कि न तो बैंक प्रशासन ने मानवता का ख्याल रखा न ही जिला प्रशासन द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन होने से रोका गया। जिसके बाद लोगों ने ताला खुलवाया गया और बुजुर्ग दंपती को अंदर ले जाया गया। इसकी जानकारी बैंक को दी गई तो बैंक द्वारा पुलिस को मामले की सूचना दी गई। जिसके बाद उकलाना पुलिस मौके पर पहुंचकर छानबीन में जुटी है।