उत्तरकाशी में सिलक्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से उसमें फंसे 40 श्रमिकों को निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य जारी है। अब तक 32 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी बचाव दल ने सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने में सफलता नहीं पाई है।

एनडीआरएफ के अधिकारियों के अनुसार, बचाव दल सुरंग के अंदर पहुंचने के लिए लगभग 70 मीटर की खुदाई कर चुका है। अब कुछ ही मीटर की दूरी पर बचाव दल है। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि आज ही श्रमिकों को बाहर निकाला जा सकेगा।

बचाव दल ने सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के साथ वॉकी-टॉकी के माध्यम से संपर्क स्थापित कर लिया है। श्रमिकों ने बताया कि वे सुरक्षित हैं और उन्हें भोजन और पानी की कोई कमी नहीं है।

उत्तरकाशी सुरंग हादसा एक बड़ा मानवीय त्रासदी है। इस हादसे में फंसे श्रमिकों के परिवारों के लिए हर कोई दुआ कर रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

बचाव कार्य में जुटे हैं कई एजेंसियां

उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए कई एजेंसियां जुटी हुई हैं। इनमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, सेना और स्थानीय प्रशासन शामिल हैं।

एनडीआरएफ ने सुरंग के अंदर पहुंचने के लिए एक टनल खोदी है। एसडीआरएफ ने सुरंग के बाहर से मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है। पुलिस और सेना ने सुरक्षा व्यवस्था संभाल ली है। स्थानीय प्रशासन ने राहत सामग्री पहुंचाई है।

राहत सामग्री पहुंचाई गई

उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे श्रमिकों को राहत सामग्री पहुंचाई गई है। एनडीआरएफ ने सुरंग के अंदर खाने के पैकेट और पानी की बोतलें डाली हैं। इसके अलावा, फंसे श्रमिकों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर भी भेजे गए हैं।

राहत सामग्री पहुंचने से फंसे श्रमिकों का हौसला बढ़ा है। वे अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।