दीपावली हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं, भगवान की पूजा करते हैं, और मिठाइयां बांटते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के एक गांव में दीपावली को एक अलग तरीके से मनाया जाता है। इस गांव के लोग दीपावली के दिन शोक मनाते हैं।

इस गांव का नाम है अटारी। यहां रहने वाले चौहान समाज के लोग खुद को अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान का वंशज मानते हैं। उनका मानना है कि दीपावली के दिन ही मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान की हत्या कर दी थी। इसलिए इस दिन वे शोक मनाते हैं।

अटारी गांव में दीपावली के दिन घरों में दीपक नहीं जलाए जाते हैं। लोग भगवान की पूजा भी नहीं करते हैं। इस दिन लोग सिर्फ अपने घरों को साफ-सुथरा करते हैं और पृथ्वीराज चौहान की याद में मन्नतें मांगते हैं।

अटारी गांव के रामधनी सिंह कहते हैं, “हमारे महान पूर्वज सम्राट पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु दीपावली के दिन ही हुई थी। इसलिए हमारे चौहान समाज के लोग इस पर्व को शोक दिवस के रूप में मनाते हैं।”

इसी गांव की रहने वाली मुन्नी देवी कहती हैं, “हमारे पूर्वज दीपावली नहीं मनाते थे, उस परंपरा का निर्वाह हम कर रहे हैं।”

अटारी गांव में दीपावली के दिन शोक मनाने की परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है। यह परंपरा इस गांव की एक अनूठी पहचान है।