बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज विधानसभा में एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि बिहार में आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाकर 65% किया जाएगा।

इस प्रस्ताव के मुताबिक, बिहार में SC/ST/OBC/EWS के लिए आरक्षण की सीमा 50% से बढ़ाकर 65% कर दी जाएगी। इसमें से SC/ST के लिए 14%, OBC के लिए 27% और EWS के लिए 20% आरक्षण होगा।

नीतीश कुमार ने कहा कि यह फैसला बिहार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे बिहार में पिछड़े वर्गों के लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।

इस प्रस्ताव पर विधानसभा में बहस होगी और फिर इसे कानूनी रूप दिया जाएगा।

आरक्षण का दायरा बढ़ाने के पीछे की वजह

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने के पीछे कई वजह हैं। उन्होंने कहा कि बिहार एक पिछड़ा राज्य है और यहां के पिछड़े वर्गों के लोगों को आगे बढ़ने के लिए आरक्षण की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि आरक्षण से इन वर्गों के लोगों को शिक्षा, नौकरी और अन्य अवसरों तक पहुंच मिलेगी। इससे इनके जीवन स्तर में सुधार होगा और वे समाज में अपनी भागीदारी बढ़ा सकेंगे।

आरक्षण के दायरे को लेकर विवाद

आरक्षण का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कुछ लोगों का कहना है कि इससे आरक्षण के लाभार्थियों की संख्या बढ़ जाएगी और इससे मेधावियों के अधिकारों पर खतरा पैदा होगा।

दूसरी ओर, कुछ लोगों का कहना है कि आरक्षण से पिछड़े वर्गों के लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि आरक्षण एक सामाजिक न्याय का मुद्दा है और इसका दायरा बढ़ाना जरूरी है।

आरक्षण का दायरा बढ़ाने के लिए क्या किया जाएगा?

आरक्षण का दायरा बढ़ाने के लिए बिहार सरकार ने एक समिति का गठन किया है। समिति को इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए एक योजना तैयार करनी होगी।

योजना में यह तय किया जाएगा कि आरक्षण को कैसे लागू किया जाएगा। इसमें यह भी तय किया जाएगा कि आरक्षण के लाभार्थियों का चयन कैसे किया जाएगा।

यह उम्मीद है कि समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंप देगी और आरक्षण का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव लागू हो जाएगा।