भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे दिल्ली-एनसीआर का सारा प्रदूषण एक झटके में खत्म हो सकता है। इस तकनीक को “क्लाउड सीडिंग” कहा जाता है।

क्लाउड सीडिंग में, विशेष रसायनों को विमान से छोड़ा जाता है, जो बादलों को अधिक बारिश करने में मदद करते हैं। बारिश से हवा में मौजूद प्रदूषक धूल और धुआं धुल जाते हैं।

IIT कानपुर ने इस तकनीक का सफल परीक्षण किया है। परीक्षण के दौरान, IIT कानपुर के शोधकर्ताओं ने दिल्ली के ऊपर क्लाउड सीडिंग की, जिससे दिल्ली में बारिश हुई। बारिश से दिल्ली की हवा में मौजूद प्रदूषकों की मात्रा में 30% तक की कमी आई।

IIT कानपुर का दावा है कि यह तकनीक दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण को कम करने में एक प्रभावी उपाय हो सकती है।

IIT कानपुर की तकनीक क्यों इंतजार कर रही है?

IIT कानपुर की तकनीक को अभी तक व्यापक रूप से परीक्षण नहीं किया गया है। शोधकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि यह तकनीक सुरक्षित और प्रभावी है।

इसके अलावा, क्लाउड सीडिंग एक महंगी तकनीक है। दिल्ली-एनसीआर में इस तकनीक को लागू करने के लिए सरकार को बड़ी राशि खर्च करने की आवश्यकता होगी।

IIT कानपुर की तकनीक के फायदे

  • यह एक प्रभावी उपाय है जो दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकता है।
  • यह एक स्थायी समाधान है, क्योंकि यह प्रदूषण के स्रोतों को खत्म नहीं करता है, बल्कि केवल प्रदूषकों को हटाता है।
  • यह एक सुरक्षित तकनीक है, क्योंकि इसमें कोई हानिकारक रसायन शामिल नहीं होते हैं।

IIT कानपुर की तकनीक की चुनौतियां

  • यह अभी तक व्यापक रूप से परीक्षण नहीं की गई है।
  • यह एक महंगी तकनीक है।
  • इसके लिए सरकार की ओर से समर्थन की आवश्यकता है।

IIT कानपुर की तकनीक दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण को कम करने में एक आशाजनक उपाय है। अगर इस तकनीक को सफलतापूर्वक लागू किया जा सकता है, तो यह दिल्ली-एनसीआर के लोगों के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकती है।