नई दिल्ली, 4 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने आज एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक कॉन्सटेबल की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। इस कॉन्सटेबल ने अपनी पत्नी के प्रेमी की पुलिस थाने में ही गोली मारकर हत्या कर दी थी।

आत्मरक्षा का दावा खारिज:

दोषी कॉन्सटेबल सुरेंद्र सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यह दावा किया था कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, क्योंकि मृतक उसे मारने आया था।

लेकिन, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने इस दलील को खारिज कर दिया।

पीठ ने कहा:

  • “यह हत्या के अलावा और कुछ नहीं है।”
  • “उपयोग किए गए हथियार की प्रकृति, मृतक पर चलाई गई गोलियों की संख्या, शरीर के वह हिस्सा जहां गोली मारी गईं, ये सभी इस बात की ओर इशारा करती हैं कि अपीलकर्ता ने मृतक को मारने की ही रणनीति बनाई थी।”

सुप्रीम कोर्ट का आदेश:

  • दोषी को चार सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट में आत्मसमर्पण करना होगा।
  • 2 अप्रैल, 2012 को दिया गया जमानत का अंतरिम आदेश रद्द कर दिया गया है।

घटना:

  • 30 जून, 2002 को मयूर विहार पुलिस स्टेशन में पीड़ित की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
  • पीड़ित का दोषी की पत्नी के साथ अवैध संबंध था।
  • गवाहों ने दोषी को अपनी आधिकारिक 9-एमएम कार्बाइन से पीड़ित की हत्या करते हुए देखा था।