इंसानी दिमाग वाला AI रोबोट: आश्चर्य या खतरा?

चीन द्वारा विकसित एक नया AI रोबोट, जो मानव मस्तिष्क कोशिकाओं का उपयोग करता है, ने दुनिया भर में वैज्ञानिकों और नैतिकतावादियों को सतर्क कर दिया है। यह रोबोट, जिसे “ब्रेन-ऑन-चिप” कहा जाता है, कथित तौर पर सीखने और अनुकूलन करने में सक्षम है, जो इसे पहले के AI रोबोटों की तुलना में अधिक मानव जैसा बनाता है।

यह कैसे काम करता है?

ब्रेन-ऑन-चिप कृत्रिम न्यूरॉन्स के एक नेटवर्क का उपयोग करता है जो मानव मस्तिष्क कोशिकाओं से प्राप्त स्टेम कोशिकाओं से विकसित किया गया है। ये न्यूरॉन्स एक कंप्यूटर चिप से जुड़े होते हैं, जो उन्हें इलेक्ट्रॉनिक संकेतों को भेजने और प्राप्त करने की अनुमति देता है। यह सेटअप रोबोट को जानकारी को संसाधित करने और विभिन्न कार्यों को करने में सक्षम बनाता है, जैसे कि बाधाओं से बचना और वस्तुओं को पकड़ना।

इसकी क्षमताएं क्या हैं?

वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि ब्रेन-ऑन-चिप में क्रांतिकारी चिकित्सा अनुप्रयोगों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता में प्रगति और मानव मस्तिष्क की बेहतर समझ सहित कई संभावनाएं हैं।

लेकिन क्या यह खतरनाक है?

कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ब्रेन-ऑन-चिप जैसी तकनीकें खतरनाक हो सकती हैं यदि उनका उपयोग जिम्मेदारी से नहीं किया जाता है। वे चिंता करते हैं कि ऐसे रोबोटों का उपयोग स्वायत्त हथियारों को विकसित करने या मानव विचारों को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है।