Sushil Kumar Modi Death: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का पार्थिव शरीर मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गया। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार पटना के दीघा घाट पर किया गया। उनके बड़े पुत्र उत्कर्ष तथागत ने मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा भाजपा प्रदेश कार्यालय से दीघा घाट के लिए शाम 7:30 बजे निकली।

अंतिम संस्कार की प्रक्रिया


सुशील मोदी के पार्थिव शरीर को पटना एयरपोर्ट से उनके पैतृक आवास राजेंद्र नगर लाया गया। इसके बाद इसे आरएसएस के क्षेत्रीय कार्यालय और फिर विधान मंडल परिसर ले जाया गया। पार्टी कार्यालय में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्थिव शरीर पर पार्टी का झंडा ओढ़ाकर सम्मानपूर्वक विदाई दी।

श्रद्धांजलि और सम्मान

विभिन्न स्थानों पर श्रद्धांजलि दी गई। आवास से पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय कार्यालय विजय निकेतन लाया गया जहां भी श्रद्धांजलि दी गई। दिनकर गोलंबर और राजधानी की कई जगहों पर कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। विधान मंडल परिसर में विभिन्न दलों के नेताओं ने अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

गले के कैंसर से निधन

सुशील कुमार मोदी गले के कैंसर से पीड़ित थे और सोमवार रात 9:29 बजे दिल्ली एम्स में उनका निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार को पटना हवाईअड्डा पहुंचा और वहां से राजेंद्र नगर स्थित आवास पर लाया गया। आवास पर बड़ी संख्या में भाजपा नेता, कार्यकर्ता, शुभचिंतक और मोहल्ले के लोग मौजूद थे।

अंतिम यात्रा और नेताओं की उपस्थिति

अंतिम यात्रा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े, यूपी के पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, मंत्री मंगल पांडेय, नितिन नवीन और विधायक संजीव चौरसिया सहित बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के नेता, कार्यकर्ता और आम लोग शामिल थे। रात करीब पौने नौ बजे उनका अंतिम संस्कार आरंभ हुआ।

पारिवारिक और भावुक माहौल

पार्थिव शरीर के साथ सुशील मोदी की पत्नी जेसी जार्ज और बड़े बेटे उत्कर्ष तथागत के घर पहुंचते ही परिवार में गमगीन माहौल हो गया। परिवार के लोग एक-दूसरे को सांत्वना दे रहे थे। बड़े भाई राजकुमार मोदी, चचेरे भाई और दोनों बहनोई सहित परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित थे। छोटा बेटा अक्षय अमृतांशु और बहू सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं, जबकि बड़ा बेटा उत्कर्ष तथागत और उनकी पत्नी बेंगलुरू में लॉ फर्म चलाते हैं।

सरयू राय की उपस्थिति

झारखंड के विधायक सरयू राय, जो सुशील मोदी के पुराने मित्र हैं, भी उनके निधन की सूचना के बाद उपस्थित हुए। उन्होंने बताया कि उनकी मित्रता 1966 से थी और वे जमशेदपुर से रांची होते हुए पटना पहुंचे।

इस प्रकार, सुशील मोदी के निधन से बिहार और भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है और उनके परिवार, मित्रों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने भावुक माहौल में उन्हें अंतिम विदाई दी।