Civil Services Exam 2023: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा हाल ही में बीते दिन सिविल सेवा परीक्षा, 2023 का रिजल्ट जारी किया है। जिसमे कुल 1,016 अभ्यर्थियों ने अपना IAS बनने का सपना पूरा किया हैं। वहीं इस रिजल्ट के साथ एक सर्वे में चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। बता दें कि सिविल सर्विसेज मेरिट लिस्ट, 2023 में 50 से अधिक मुस्लिम कैंडिडेट्स ने सफलता हासिल की है।
कुल सफल 1,016 अभ्यर्थियों में से 52 मुस्लिम कैंडिडेट्स ने जगह बनाई। इनमें से 5 होनहारों ने टॉप-100 में जगह बनाई है। बता दें कि रूहानी, नौशीन, वारदाह खान, जुफिशान हक और फैबी राशिद ने टॉप-100 में जगह बनाने में कामयाब रहे। टॉप-10 में नौशीन को 9वीं रैंक मिली है।
बता दें कि शाह फैसल ने 2010 में IAS टॉप करके कश्मीरियों समेत पूरे देश के मुस्लिम युवाओं को प्रेरणा दी थी। इसके बाद 2015 में कश्मीर के अतहर आमिर ने UPSC में दूसरी रैंक हासिल की थी। वहीं, 2017 में मेवात के अब्दुल जब्बार भी चयनित हुए थे। वे इस क्षेत्र से पहले मुसलमान सिविल सर्वेंट हैं। और अब 2023 में दिल्ली से पढ़ाई करने वालीं नौशीन ने सिविल सेवा परीक्षा में 9वीं रैंक हासिल की है, जो मुस्लिम समुदाय के लड़के-लड़कियों को देश की सर्वोच्च सेवा में सफल होने के लिए राह दिखाएगा।
2012 और 2014 में इतने मुस्लिम बने थे IAS
मुस्लिम युवाओं का सिविल सेवाओं के प्रति रुझान हाल के वर्षों में बढ़ा है। 2012 में सिविल सेवाओं में सफल मुस्लिम कैंडिडेट 30 थे। वहीं, 2013 में सफल मुस्लिम कैंडिडेट 34, 2014 में 38, जबकि 2015 में 36 थे। उस वक्त भी मुस्लिम युवाओं की सफलता दर तकरीबन 5 फीसदी थी।
2022 में इतने थे मुस्लिम कैंडिडेट्स
इससे पहले 2022 की सिविल सेवा परीक्षा में कुल 933 अभ्यर्थी आईएएस-आईपीएस और केंद्रीय सेवाओं के लिए चुने गए थे। इनमें से महज 29 कैंडिडेट्स मुस्लिम कम्युनिटी से थे। जो कुल सफल लोगों में से करीब 3.1 फीसदी रहे। इस बार यानी 2023 की सिविल सेवा परीक्षा में 52 मुस्लिम कैंडिडेट्स सफल रहे, उनका कुल सफल लोगों में प्रतिशत 5 फीसदी से ज्यादा ही रहा है।