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आदेश के तीन दिनों बाद भी 372 आईओ को निलंबित नहीं किया गया, अनिल विज नाराज, अधिकारियों को चेताया

Haryana News : 23 अक्तूबर को, अनिल विज ने 372 जांच अधिकारियों के निलंबन का आदेश दिया था। इसके बाद, यह फाइल डीजीपी शत्रुजीत कपूर के पास पहुंची, और 25 अक्तूबर को उन्होंने आदेश पर मुहर लगाई और इसे सभी एसपी को भेज दिया, लेकिन गुरुवार दोपहर तक गृह मंत्री के पास निलंबन को लेकर कोई रिपोर्ट नहीं आई।

372 जाँच अधिकारियों (आईओ) को निलंबित करने का आदेश देने के बावजूद पुलिस विभाग ने तीन दिनों में कोई कार्यवाही नहीं की, इससे प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज काफी खफा हैं। उन्होंने गुरुवार को सभी पुलिस आयुक्तों, एसपी, डीजीपी, एडीजीपी, आईजी को वायरलेस पर सम्पर्क करके कड़े आदेश दिए कि सभी 372 आईओ का निलंबन हुक्म सुनिश्चित करना है। विज ने साफ-साफ कहा है कि निलंबन आदेश के काम में किसी प्रकार की लापरवाही कतई सहन नहीं होगी।

विज की कड़ी चेतावनी को सुनकर एसपी ने तुरंत कर्मचारियों का निलंबन करना शुरू कर दिया।
लेकिन उन्होंने देर शाम तक मंत्री को निलंबित कर्मियों का नामांकन नहीं पहुंचाया। 23 अक्तूबर को 372 जांच अधिकारियों को निलंबित करने का हुक्म विज ने ही दिया था। फाइल 25 अक्तूबर को डीजीपी शत्रुजीत कपूर के पास पहुंची, जिन्होंने हुक्म पर हस्ताक्षर करके सभी एसपी को भेजा। परंतु, गुरुवार को दोपहर तक मंत्री के पास कोई सूचना नहीं पहुंची। इसलिए, विज ने सभी पुलिस अधिकारियों से सम्पर्क करके स्थिति का पता किया।

विज ने कहा कि जो भी जांच अधिकारी एक साल से अधिक समय से किसी केस को लंबित रख रहे हैं, उन्हें निलंबित कर दिया जाए। इसमें 372 जांच अधिकारियों के साथ-साथ अन्य मामलों के जांच अधिकारी भी शामिल हैं। विज ने कहा कि पुलिस की प्रतिष्ठा पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए हमें इसे सुधारने की ज़रूरत है, जिससे कि लोगों को समय पर न्याय मिल सके। विज ने उदाहरण के रूप में एक मामला बताया, जिसमें एक डीएसपी पांच साल से दहेज प्रताडना के केस में सही कार्रवाई करने में फ़ेल हुआ है|

अनिल विज
अनिल विज

अनिल विज, हरियाणा के गृह मंत्री ने कहा कि 372 जांच अधिकारियों को निलंबित करना उनके लिए दुखद है, लेकिन यह आवश्यक है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं रात में अंबाला में पीड़ितों की सुनवाई करते हैं, जो पुलिस से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है, जब देश में इतने सारे जांच अधिकारी सस्पेंड हुए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों का न्याय करना उनका कर्त्तव्य है, क्योंकि वे लोकतंत्र की सेवा करते हैं।

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