हैदराबाद: 107 वर्षीय दादी रामबाई, चरखी दादरी की निवासी, एक बार फिर से खेल के मैदान में अपना परचम लहरा रही हैं। हैदराबाद में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में, उन्होंने दो स्वर्ण पदक जीतकर यह साबित कर दिया है कि उम्र केवल एक संख्या है, और दृढ़ इच्छाशक्ति और जुनून के सामने यह कोई बाधा नहीं है।

उम्र पर जीत का जज्बा:

हैरानी की बात यह है कि दादी रामबाई ने 6 और 7 फरवरी को अलवर में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया और सफलता हासिल की, और उसके बाद सीधे हैदराबाद पहुंचकर अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा। उनकी बेटी संतरा देवी भी इस प्रतियोगिता में भाग ले रही थीं और उन्होंने दो पदक जीते।

पांचवीं राष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप:

यह प्रतियोगिता 8 से 11 फरवरी तक हैदराबाद में आयोजित की जा रही है। देशभर के विभिन्न राज्यों के खिलाड़ी इसमें भाग ले रहे हैं। दादी रामबाई ने 105 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए डिस्कस थ्रो और शॉट-पुट में प्रथम स्थान हासिल किया।

बेटी संतरा देवी ने भी जीते पदक:

संतरा देवी ने अपने आयु वर्ग में 1500 मीटर दौड़ में रजत पदक और शॉट पुट में कांस्य पदक जीता।

अलवर में भी सफलता:

दादी रामबाई ने हाल ही में 6 और 7 फरवरी को अलवर, राजस्थान में आयोजित ओपन राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भी 100 मीटर दौड़, शॉट पुट और डिस्कस थ्रो में तीन स्वर्ण पदक जीते थे।